सीपीईसी: अमेरिका पर भड़का पाक, कहा- यह हमारे लिए बोझ नहीं बनेगा
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) पर अमेरिका की ओर से सवाल खड़े किए जाने पर पाकिस्तान ने पलटवार किया है। पाकिस्तान के नवनियुक्त योजना मंत्री असद उमर ने कहा कि सीपीईसी हमारे देश के लिए कभी बोझ साबित नहीं होगा। यह आने वाले वक्त में देश की औद्योगिक वृद्धि के लिए मजबूत आधार तैयार करने में मदद करेगा। इसकी वजह से चीन के साथ रिश्ते कभी खत्म नहीं होंगे।
अमेरिका के बयान पर उमर ने कहा, 'पाकिस्तान सीपीईसी को मदद के तौर पर नहीं देखता। सरकार ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि वह विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहती है। बीते सालों में पाकिस्तान को जो भी सहायता मिली थी, वह देश की प्रगति के लिए वास्तविक रूप से योगदान नहीं कर रही थी। जबकि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए। हमने कई बार कहा है कि दोनों देशों को सीपीईसी से लाभ हुआ है। चीनी कंपनियों को व्यापार मिला, क्योंकि उनकी मशीनरी निर्यात की गई और पाकिस्तान आई। पाकिस्तान में बुनियादी ढांचे की कमी, विशेष रूप से बिजली की कमी को पूरा किया गया।'
पाकिस्तान को मिलेगा लाभ, आएगी समृद्धि
उमर ने कहा कि यह परियोजना सहायता नहीं बल्कि व्यापार है। सीपीईसी एक समावेशी परियोजना है जैसा कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) है। अगर हम इस क्षेत्र में सहयोग और शांति स्थापित करते हैं तो पाकिस्तान और पूरा क्षेत्र इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो सकता है। उन्होंने कहा कि चीन प्रस्तावित बीआरआई पूरे क्षेत्र में समृद्धि और सतत विकास ला सकता है।
सीपीईसी शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना
सीपीईसी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें पाकिस्तान के ग्वादर से चीन के काशगर तक 50 अरब डॉलर की लागत से आर्थिक गलियारा बनाया जा रहा है। सीपीईसी के तहत चीन सड़क, बंदरगाह, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसके जरिए चीन की अरब सागर तक पहुंच हो जाएगी।
क्या कहा था अमेरिका ने?
अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि चीन का सीपीईसी में निवेश करने का मकसद मदद करना नहीं, बल्कि खुद को फायदा पहुंचाना है। अगर चीन लंबे वक्त तक सीपीईसी के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करता रहा तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।