देशभर में एनआरसी लागू करने की अटकलों के बीच भारत छोड़ रहे अवैध प्रवासी, अब तक 300 से ज्यादा गिरफ्तार
भारत सरकार ने अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लिस्ट बनाने की बात कही है। इसके बाद से ही बांग्लादेश में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ गई हैं। बांग्लादेश सीमा पुलिस के मुताबिक, पिछले तीन सप्ताह में 300 से ज्यादा लोगों को सीमा पर घुसपैठ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बांग्लादेश सीमा पुलिस ने बताया कि पकड़े गए लोगों ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताया है। हालांकि इन लोगों के पास खुद को बांग्लादेशी साबित करने का कोई दस्तावेज नहीं है।
बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने बॉर्डर पुलिस के हवाले से कहा कि सीमा पर एक से 10 नवंबर के बीच कुल 204 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए लोगों में 67 बच्चे, 78 महिलाएं और 69 पुरुष शामिल हैं।
बताया गया है कि जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उन्होंने अपने बचाव में कहा है कि वह चार-पांच साल पहले बांग्लादेश छोड़कर भारत चले गए। भारत में वो कर्नाटक के बंगलूरू और असम में रहे। हालांकि, जबसे भारत सरकार ने घोषणा की है कि वह असम के बाद पूरे देश में एनआरसी लिस्ट तैयार कराएगी, इसके बाद से ही गिरफ्तारी से बचने के लिए सभी लोग लौट रहे हैं।
स्थानीय लोग बोले- गिरफ्तार किए गए लोगों से कई ज्यादा लोग पहुंचे बांग्लादेश
बॉर्डर पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग बांग्ला बोलने वाले मुसलमान हैं। इसी को आधार बनाकर वह अपने स्थानीय होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, उनके पास बांग्लादेश के अपने किसी रिश्तेदार का नंबर तक नहीं है। दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि बॉर्डर पुलिस ने अब तक जितने लोगों को गिरफ्तार किया है, उससे ज्यादा तादाद में लोग बांग्लादेश में घुसपैठ कर चुके हैं।
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने के लिए बंगलूरू पुलिस का अभियान
कर्नाटक के बंगलूरू में बांग्लादेसी प्रवासियों के छिपे होने का मुद्दा लंबे समय से विवाद का मुद्दा बना हुआ है। गौरतलब हो कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद गृह मंत्री बासवरा बोम्मई ने एनआरसी लागू करने की बात कही थी।
इसके बाद बंगलूरू पुलिस हरकत में आई और अवैध प्रवासियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने पिछले महीने बंगलूरू पूर्व और बंगलूरू दक्षिण-पूर्व से 60 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया था। पकड़े गए लोगों पर फॉरेनर्स एक्ट 1946 और आईपीसी की धारा 370 के तहत मामले दर्ज किए गए थे।
बांग्लादेश सीमा पुलिस ने बताया कि पकड़े गए लोगों ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताया है। हालांकि इन लोगों के पास खुद को बांग्लादेशी साबित करने का कोई दस्तावेज नहीं है।
बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने बॉर्डर पुलिस के हवाले से कहा कि सीमा पर एक से 10 नवंबर के बीच कुल 204 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए लोगों में 67 बच्चे, 78 महिलाएं और 69 पुरुष शामिल हैं।
बताया गया है कि जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उन्होंने अपने बचाव में कहा है कि वह चार-पांच साल पहले बांग्लादेश छोड़कर भारत चले गए। भारत में वो कर्नाटक के बंगलूरू और असम में रहे। हालांकि, जबसे भारत सरकार ने घोषणा की है कि वह असम के बाद पूरे देश में एनआरसी लिस्ट तैयार कराएगी, इसके बाद से ही गिरफ्तारी से बचने के लिए सभी लोग लौट रहे हैं।
स्थानीय लोग बोले- गिरफ्तार किए गए लोगों से कई ज्यादा लोग पहुंचे बांग्लादेश
बॉर्डर पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग बांग्ला बोलने वाले मुसलमान हैं। इसी को आधार बनाकर वह अपने स्थानीय होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, उनके पास बांग्लादेश के अपने किसी रिश्तेदार का नंबर तक नहीं है। दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि बॉर्डर पुलिस ने अब तक जितने लोगों को गिरफ्तार किया है, उससे ज्यादा तादाद में लोग बांग्लादेश में घुसपैठ कर चुके हैं।
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने के लिए बंगलूरू पुलिस का अभियान
कर्नाटक के बंगलूरू में बांग्लादेसी प्रवासियों के छिपे होने का मुद्दा लंबे समय से विवाद का मुद्दा बना हुआ है। गौरतलब हो कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद गृह मंत्री बासवरा बोम्मई ने एनआरसी लागू करने की बात कही थी।
इसके बाद बंगलूरू पुलिस हरकत में आई और अवैध प्रवासियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने पिछले महीने बंगलूरू पूर्व और बंगलूरू दक्षिण-पूर्व से 60 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया था। पकड़े गए लोगों पर फॉरेनर्स एक्ट 1946 और आईपीसी की धारा 370 के तहत मामले दर्ज किए गए थे।